Saturday, June 16, 2012

अजीबोगरीब मंदिर: 1 शर्त पूरी करने पर ही आ सकते हैं मंदिर से बाहर, वरना नहीं

मध्य प्रदेश का महानगर है इंदौर। इंदौर के बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपनी तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवान के साथ-साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसके अलग होने का अहसास हो जाता है क्योंकि इस मंदिर में प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।


108 बार लिखना पड़ता है राम नाम- यदि आपको यह अजीबोगरीब मंदिर अंदर से भी देखना है तो यहां आप 108 बार राम नाम लिखने की शर्त स्वीकार करने के बाद ही प्रवेश कर सकते हैं। मंदिर के मुख्य द्वार सहित पूरे परिसर में इसके लिए चेतावनी भरे बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में सूचना लिखी हुई है। मंदिर में एक बार अंदर आ गए तो बगैर राम नाम लिखे आप बाहर नहीं निकल सकते।


किसी भी श्रद्धालु को यहां के पंडित बिना राम नाम लिखे बाहर नहीं आने देते हैं। इस मंदिर से बाहर निकलना है तो व्यक्ति को 108 बार राम का नाम लिखना ही पड़ेगा। भले ही कोई बड़ा नेता हो या सामान्य व्यक्ति, कोई महिला हो या पुरुष, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। 108 बार राम नाम लिखने के लिए यहां बोर्ड लगाए गए हैं। यहीं शनि महाराज का संदेश भी लिखा है। इस बोर्ड के मुताबिक शनि महाराज कहते हैं कि हे कलियुग वासियो तुम मुझ पर तेल चढ़ाना छोड़ दो तो मैं तुम्हारा पीछा छोड़ दूंगा। यदि तुम 108 बार राम नाम लिखना शुरू कर दो तो मैं तुमको सारी विपत्तियों से मुक्त कर दूंगा।


रावण, कुंभकरण, मेघनाद और विभिषण भी है यहां... पूरे मंदिर में हर जगह राम नाम लिखा हुआ है लेकिन फिर भी यहां रावण की विशाल मूर्ति बनाई गई है जो मंदिर के खुले परिसर में स्थापित है। इस मूर्ति के सामने ही शयनअवस्था में कुंभकरण, मेघनाथ और विभीषण की मूर्तियां भी हैं। इसके सामने बने एक अन्य कमरे में त्रिजटा, शबरी, कैकयी, मन्थरा और सूर्पणखा की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके ठीक पास में अहिल्या, मन्दोदरी, कुन्ती, द्रौपदी और तारा की मूर्तियां रखी गई हैं।


मध्य प्रदेश का महानगर है इंदौर। इंदौर के बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपनी तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवान के साथ-साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसके अलग होने का अहसास हो जाता है क्योंकि इस मंदिर में प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।


मध्य प्रदेश का महानगर है इंदौर। इंदौर के बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपनी तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवान के साथ-साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसके अलग होने का अहसास हो जाता है क्योंकि इस मंदिर में प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।


मध्य प्रदेश का महानगर है इंदौर। इंदौर के बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपनी तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवान के साथ-साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसके अलग होने का अहसास हो जाता है क्योंकि इस मंदिर में प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।


मध्य प्रदेश का महानगर है इंदौर। इंदौर के बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपनी तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवान के साथ-साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसके अलग होने का अहसास हो जाता है क्योंकि इस मंदिर में प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।


मध्य प्रदेश का महानगर है इंदौर। इंदौर के बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपनी तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवान के साथ-साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसके अलग होने का अहसास हो जाता है क्योंकि इस मंदिर में प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।


मध्य प्रदेश का महानगर है इंदौर। इंदौर के बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपनी तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवान के साथ-साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसके अलग होने का अहसास हो जाता है क्योंकि इस मंदिर में प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।



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