भारत में ही टोटके होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है, विदेश में भी कई प्रकार की ऐसी ही परंपराएं प्रचलित हैं। कई देशों में बारिश के लिए अलग-अलग टोटके किए जाते हैं। बारिश कराने के लिए पूर्वी द्वीप समूह के लोग सिर के सारे बाल कटवा देते हैं, गंजे हो जाते हैं। इसके बाद वे लोग किसी ऊंची पहाड़ी पर पत्थर फेंकते हैं। वहां ऐसी मान्यता है कि इस टोटके से आसमान के आंसू बहने लगते हैं यानि बारिश शुरू हो जाती है। जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़े देश चीन में भी बारिश के लिए कई प्रकार के टोटके प्रचलित हैं। यहां के लोग वर्षा न होने पर एक बड़ा पुतला बनाकर किसी मैदान में खड़ा करते हैं। इसके बाद तीन दिन तक इस पुतले की पूजा-अर्चना की जाती है। वहां ऐसा मान्यता है कि इस उपाय से वर्षा हो जाती है। यदि वर्षा नहीं होती तो तीन दिन बाद उस पुतले में आग लगा दी जाती है। वर्षा के लिए अफ्रीका के अरबी लोग एक पुतला बनाते हैं और उसे सजाकर एक गांव से दूसरे गांव की यात्रा निकालते हैं। यात्रा के साथ ही वे वर्षा होने की प्रार्थना ईश्वर से करते हैं। यहां ऐसा माना जाता है कि इस यात्रा के प्रभाव से वर्षा के देवता प्रसन्न होते हैं और वर्षा करवाते हैं। उत्तरी अमेरिका में एक आदिवासी क्षेत्र तुलसा है। इस क्षेत्र में वर्षा बुलाने के लिए रोचक उपाय अपनाया जाता है। यहां के लोग किसी मैदान में दो पहलवानों की कुश्ती करवाते हैं। एक पहलवान कहता है 'वर्षा होगी।'। दूसरा कहता है- वर्षा नहीं होगी। उनके बीच तब तक कुश्ती होती है, जब तक कि 'वर्षा नहीं होगी' कहने वाला चित्त नहीं हो जाता। हारे हुए पहलवान को 'नकारो' नामक देवता के मंदिर पर ले जाते हैं। मंदिर में देवता से प्रार्थना करते हैं। इसके बाद हारे हुए पहलवान को मन्दिर के दरवाजे पर बांध दिया जाता है। यह पहलवान तब तक बंधा रहता है, जब तक वर्षा नहीं हो जाती। ऐसा करने पर जल्दी ही बारिश हो जाती है। ऐसी मान्यता यहां प्रचलित है।
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