शास्त्रों के अनुसार मनुष्य जीवन के 16 महत्वपूर्ण संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों का निर्वाह करना सभी इंसानों के लिए अतिआवश्यक है। इन्हीं संस्कारों में से एक है विवाह संस्कार। विवाह में कई प्राचीन परंपराएं, रीति-रिवाज आदि का आज भी पालन किया जाता है। कुछ नियम और परंपराएं वर और वधू दोनों के लिए समान रूप से लागू होती हैं। ऐसी ही एक परंपरा है दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाना। वर और वधू को हल्दी क्यों लगाई जाती है इसके पीछे धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार हल्दी का उपयोग सभी प्रकार के पूजन-कार्य में आवश्यक रूप से किया जाता है। इसके बिना कई प्रकार के पूजन कर्म पूर्ण नहीं माने जाते हैं। इसी वजह से पूजन सामग्री में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। हल्दी की पवित्रता के कारण ही वर-वधु के शरीर पर इसका लेप लगाया जाता है ताकि विवाह से पूर्व ये दोनों भी शास्त्रों के अनुसार पूरी तरह पवित्र हो सके। हल्दी एक औषधी भी है। इससे उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों का त्वरित इलाज हो जाता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए हल्दी सर्वश्रेष्ठ उपाय है। विवाह पूर्व वर-वधु के शरीर पर हल्दी का लेप लगाया जाता है ताकि यदि इन्हें को त्वचा संबंधी रोग हो या इंफेक्शन हो या अन्य कोई बीमारी हो तो उसका उपचार हो सके। हल्दी लगाने से त्वचा पर जमी हुई धूल आदि भी शत-प्रतिशत साफ हो जाती है। जिससे त्वचा में चमक बढ़ जाती है। चेहरे पर आकर्षण बढ़ जाता है। इन सभी कारणों के चलते अनिवार्य रूप से आज भी दूल्हा-दुल्हन को विवाह से पूर्व हल्दी अवश्य लगाई जाती है।
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