Tuesday, May 1, 2012

सिर्फ सीधे हाथ से करना चाहिए ये खास काम, क्योंकि...

शास्त्रों के अनुसार सभी समस्याओं का एक सटिक समाधान है दान करना। दान से ही व्यक्ति के पुराने अशुभ कर्मों का प्रभाव समाप्त होता है और पुण्य में वृद्धि होती है। समस्याएं या परेशानियां या धन अभाव ये सभी पिछले कर्मों के आधार पर प्राप्त होते हैं। इस प्रकार के बुरे प्रभावों का नष्ट करता है दान। दान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि दान हमेशा सीधे हाथ से ही किया जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि सीधे हाथ से किए गए दान से परमात्मा तुरंत ही प्रसन्न होते हैं और दानी की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान के लिए किए जाने वाले सभी पूजा कर्म सीधे हाथ से ही किए जाना चाहिए। दान करने से हमारे मोह और अहम का नाश होता है। दान से हमारे मन का विषय वस्तु के लिए मोह खत्म होता है। यदि किसी व्यक्ति के पास बहुत सारा धन है तब भी जब तक धन के प्रति मोह का त्याग नहीं करेगा तब तक वह दान नहीं कर सकता। इसी प्रकार दान से अहम भी दूर होता है। इसके साथ ही दान से मन को शांति भी मिलती है। सभी धार्मिक कार्य में सीधे हाथ का विशेष महत्व है क्योंकि धर्म शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर का बायां भाग स्त्रियों का प्रतिनिधित्व करता है और दायां भाग पुरुषों का। इस बात की पुष्टि शिवजी के अद्र्धनारीश्वर स्वरूप से की जा सकती है। शिवजी के इस रूप में दाएं भाग में स्वयं शिवजी और बाएं भाग में माता पार्वती को दर्शाया जाता है। धर्म से संबंधित सभी कार्य पुरुषों से कराए जाने की मान्यताएं प्राचीन काल से चली आ रही है। दान सीधे हाथ से करना चाहिए इस बात के लिए एक और तर्क यह है कि हम पवित्र कार्य के लिए सदैव सीधे हाथ का ही उपयोग करते हैं। इसी वजह से बाएं हाथ का धार्मिक कार्यों में उपयोग नहीं किया जाता। 

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