पुराने से समय से ही कई ऐसी परंपराएं प्रचलित हैं जिनका पालन पर व्यक्ति को
सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इन प्रथाओं का पालन न करने पर कई समस्याओं
का सामना करना पड़ता है। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए एक परंपरा है कि
प्रतिदिन रात्रि के समय शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाया जाए।
वेद-पुराणों के अनुसार इस सृष्टि का निर्माण भगवान शिव की इच्छा मात्र से
ही हुआ है। अत: इनकी भक्ति करने वाले व्यक्ति को संसार की सभी वस्तुएं
आसानी से प्राप्त हो जाती हैं। शिवजी अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पलभर
में ही पूरी कर देते हैं। नियमित रूप से शिवलिंग का पूजन करने वाले
व्यक्ति के जीवन में दुख कम ही महसूस होते हैं।
शिवजी के पूजन से श्रद्धालुओं की धन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
शास्त्रों में एक सटीक उपाय बताया गया है जिसे नियमित रूप से अपनाने वाले
व्यक्ति अपार धन-संपत्ति प्राप्त हो सकती है। इस उपाय के संबंध में
शिवपुराण में एक कथा दी गई है। कथा के अनुसार अतिप्राचीन काल में गुणनिधि
नामक व्यक्ति बहुत गरीब था और वह भोजन की खोज में लगा हुआ था। इस खोज में
रात हो गई और वह एक शिव मंदिर में पहुंच गया।गुणनिधि ने सोचा कि उसे रात्रि विश्राम इसी मंदिर में कर लेना चाहिए। रात
के समय वहां अत्यधिक अंधेरा हो गया। इस अंधकार को दूर करने के लिए उसने शिव
मंदिर में अपनी कमीज जलायी थी। रात्रि के समय भगवान शिव के समक्ष प्रकाश
करने के फलस्वरूप से उस व्यक्ति को अगले जन्म में देवताओं के कोषाध्यक्ष
कुबेर देव का पद प्राप्त हुआ।
इस कथा के अनुसार ही शाम के समय शिव मंदिर में दीपक लगाने वाले व्यक्ति को
अपार धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। अत: नियमित रूप से
रात्रि के समय किसी भी शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाना चाहिए।
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