इष्टदेव या देवी-देवता का नाम जपने मात्र से भी हमें पुण्य की प्राप्ति होती है। वैसे तो सुबह-सुबह का समय भगवान की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना गया है लेकिन शाम के समय भी पूजन का विशेष महत्व है। शाम को धर्म लाभ अर्जित करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। शाम के समय अंधेरा होने से थोड़ी पहले हमें घर में रोशनी कर लेना चाहिए। रोशनी होने के बाद परिवार के सदस्यों को अपने इष्टदेव के मंत्र का जप करना चाहिए या भगवान का नाम लेना चाहिए। इस समय आंख बंद रखनी चाहिए। इसप्रकार प्रतिदिन किया जाना चाहिए। सामान्यत: अधिकांश लोग प्रतिदिन शाम को इस प्रकार भगवान को याद अवश्य करते हैं। यह काफी पुराने समय से चली आ रही परंपरा है। इस पंरपरा के निर्वाह से कई धार्मिक और सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है शाम के समय भी धन की देवी महालक्ष्मी सहित सभी देवी-देवता पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और इस समय यदि उनका नाम लिया जाए वे अतिप्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनएं पूर्ण करते हैं। घर के वातावरण में फैली नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए यह परंपरा काफी कारगर है। शाम को रोशनी होते ही भगवान का नाम लेने से सकारात्मक ऊर्जा को अधिक बल मिलता है और अंधेरे में शक्तिशाली रहने वाली नेगेटिव एनर्जी समाप्त हो जाती है।
No comments:
Post a Comment