जीवन का अंतिम अटल सत्य है मृत्यु। भागवत गीता में श्रीकृष्ण ने बताया है कि जीवन के इस अटल सत्य को कोई टाल नहीं सकता है। जिस व्यक्ति का जन्म हुआ है वह अवश्य ही एक दिन मृत्यु को प्राप्त होगा। अमर केवल आत्मा होती है जो शरीर बदलती है। जिस प्रकार हम कपड़े बदलते हैं ठीक उसी प्रकार आत्मा अलग-अलग शरीर धारण करती है और निश्चित समय के लिए। इसके बाद पूर्व निर्धारित समय पर आत्मा शरीर छोड़ देती है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद हिंदू धर्म के अनुसार मृत शरीर का दहन किया जाता है। किसी भी इंसान की मृत्यु के बाद शवयात्रा निकाली जाती है और इस संबंध में भी शास्त्रों में कई नियम बताए गए हैं। जिन्हें अपनाने से धर्म लाभ तो प्राप्त होता है साथ ही इससे मृत आत्मा को शांति भी मिलती है। यदि हम कहीं जा रहे हैं और रास्ते में शवयात्रा दिखाई दे तो उस समय थोड़ी देर ठहर जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि शवयात्रा निकलती दिखाई देती है तो कुछ देर ठहरकर परमात्मा से आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए। मृतक को प्रणाम करके आगे बढऩा चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में शवयात्रा के संबंध में बताया गया है कि यदि आप किसी जरूरी कार्य के लिए जा रहे हैं और रास्ते में कोई शवयात्रा दिख जाए तो इसका मतलब है कि आपको इच्छित कार्य में सफलता मिलेगी। आपके सोचे हुए कार्य पूर्ण हो जाएंगे और परेशानियां दूर हो जाएंगी।
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