किसी भी मनोकामना, इच्छा को पूरी करवाने या समस्याओं को दूर करवाने के लिए
हम भगवान से प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से की गई
प्रार्थना अवश्य ही सफल हो जाती है। काफी लोग ऐसे हैं जो तब तक मंदिर या
देवस्थानों पर जाते हैं जब तक कि भगवान उनकी प्रार्थना नहीं सुन लेते। जब
उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं तब वे ईश्वर को धन्यवाद देना भूल जाते
हैं।
जब कोई इंसान हमारा कार्य करता है तो कार्य पूर्ण होने पर हम उसे धन्यवाद
बोलते हैं। ठीक इसी प्रकार भगवान के लिए भी धन्यवाद स्वरूप विशेष
पूजन-अर्चन किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार जीवन की समस्याओं या
परेशानियों से निजात पाने के लिए सभी देवी-देवताओं से प्रार्थना करना ही
सर्वश्रेष्ठ उपाय है। जब हमारी मन्नत या मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं तो
भगवान का आभार मानना चाहिए।
भगवान को केवल परेशानियों में ही याद नहीं किया जाना चाहिए बल्कि
नि:स्वार्थ भाव से भी मंदिर जाना चाहिए। इससे हम पर देवी-देवताओं की कृपा
हमेशा बनी रहती है और कई प्रकार की परेशानियां स्वत: ही दूर हो जाती हैं।
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