Tuesday, July 10, 2012

काम बीच में अधूरा छोडऩा भयंकर हो सकता है।

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सुखी और समृद्धिशाली जीवन के लिए शास्त्रों में कई महत्वपूर्ण सूत्र बताए गए हैं। इन सूत्रों का पालन करने पर हमारा जीवन खुशियोंभरा हो जाता है और परेशानियां सताती नहीं हैं। कुछ बातें सामान्य ज्ञान की हैं जिन्हें हमेशा ध्यान रखना हमारे लिए फायदेमंद रहता है।

गरुड़ पुराण एक ऐसा पुराण है जिसमें जीवन और मृत्यु के रहस्यों का उल्लेख किया गया है। हमारे किन कर्मों का क्या फल हमें प्राप्त होता है यह गरुड़ पुराण में बताया गया है। इसी पुराण में चार बातें या काम ऐसे बताए गए हैं जिन्हें अधूरा छोडऩा भयंकर हो सकता है। इनमें से कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें शेष छोड़ दिया जाए तो मृत्यु का संकट तक खड़ा हो सकता है।


यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे दवाइयों की मदद से रोग को जड़ से मिटा देना चाहिए। जो लोग पूरी तरह स्वस्थ न होते हुए भी दवाइयां लेना बंद कर देते हैं तो उन्हें भविष्य में पुन: बीमारी हो सकती है। सामान्यत: बीमारी का पुन: लौटना जान को खतरा ही होता है। अत: बीमारी की अवस्था में दवाइयां लेते रहना चाहिए, बीमारी के कीटाणुओं को जीवित नहीं रहने देना चाहिए।


यदि कहीं आग लग रही है तो आग को भी पूरी तरह बुझा देना चाहिए। अन्यथा छोटी सी चिंगारी भी पुन: बड़ी आग में बदल सकती है और जान और माल को नुकसान पहुंचा सकती है।


यदि आपका कोई शत्रु है और वह बार-बार प्रयास करने के बाद भी शत्रुता समाप्त नहीं कर रहा है तो उसे किसी भी तरह शांत कर देना चाहिए। क्योंकि शत्रु हमेशा ही हमारा अहित करने की योजनाएं बनाते रहेंगे और शत्रु बढ़ते रहेंगे। शत्रुता का नाश करने पर ही जीवन से भय का नाश हो सकता है।


गरुड़पुराण के अनुसार ऋण या उधार लिया पैसा किसी भी स्थिति में पूरा लौटा देना चाहिए। यदि ऋण पूरा नहीं उतारा जाता है तो वह पुन: ब्याज के कारण बढऩे लगता है। अत: ऐसी स्थिति से बचने के लिए ऋण का शत-प्रतिशत निपटारा जल्दी से जल्दी कर देना चाहिए।

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