Friday, August 10, 2012

शनि महाराज को तेल क्यों अर्पित किया जाता है



कभी-कभी घर में तेल का नुकसान हो जाता है तो यह सामान्य सी बात लगती है लेकिन बार-बार तेल का नुकसान होना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार खाने में उपयोग किया जाने वाला खाद्य तेल शनि देव से संबंधित है। इसी वजह से हर शनिवार को शनि देव के निमित्त तेल अर्पित किया जाता है। शनि महाराज को तेल क्यों अर्पित किया जाता है इस संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं।

एक कथा के अनुसार हनुमानजी और शनिदेव में युद्ध हुआ। इस युद्ध में बजरंग बली ने शनि को हरा दिया। इस दौरान हनुमानजी द्वारा किए गए प्रहार से शनि के शरीर में पीड़ा होने लगी। तब हनुमानजी ने इस दर्द से मुक्ति के लिए उन्हें तेल दिया। तभी से शनि हनुमानजी के भक्तों को कष्ट नहीं पहुंचाता है और उन्हें तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

ज्योतिष के अनुसार नौ ग्रह बताए गए हैं जो हमारे सुख और दुख को निर्धारित करते हैं। सभी ग्रहों का संबंध अलग-अलग वस्तुओं से हैं। शनि का गहरा संबंध तेल से है। यदि किसी व्यक्ति के घर में बार-बार तेल ढुल जाता है या अन्य किसी प्रकार से तेल का नुकसान हो तो समझना चाहिए कि उसकी कुंडली में शनि संबंधी कोई दोष है।

यदि कोई व्यक्ति तेल से संबंधी रोजगार से धर्नाजन करता है और उसे इस कार्य से लगातार हानि उठाना पड़ रही हो तो संभव है कि उसकी कुंडली में कोई शनि दोष हो। ऐसे में शनि के दोषों को दूर करने का ज्योतिषीय उपचार करना चाहिए।

प्रति शनिवार एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर इस तेल का दान करें। यह शनि के बुरे प्रभाव से बचने का सटीक उपाय है।

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