Thursday, June 21, 2012

उपाय जो पूरी करे भरपूर पैसा और शांति की चाह

जीवन में किसी भी रूप में संघर्ष इंसान को कुछ वक्त के लिए कमजोर जरूर करता है, लेकिन गुणी इंसान के लिए यही जद्दोजहद व्यक्तित्व को निखारने व आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली भी साबित होती है। क्योंकि वह बुरे वक्त में कमियों पर गौर करता है, सुधार करता है और आगे बढ़ने की कोशिश करता है। 

आर्थिक समस्या भी ऐसा ही संघर्ष का दौर होता है। इसमें व्यक्ति, परिवार में रोग, बाधा, घटना, व्यवसाय में घाटा या आजीविका पर किसी भी रूप में आए संकट से धन के अभाव से जूझता है। इससे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। 

अगर आप भी ऐसी ही किसी परेशानी के कारण अधिक खर्च, धन हानि या आर्थिक समस्या से जूझ रहें हैं और इससे बाहर निकलना चाहते हैं तो शास्त्रों में लक्ष्मी की प्रसन्नता के अनेक उपाय बताए गए है। इनमें से खासतौर पर ये 5 उपाय सुबह उठने से लेकर रात तक अपनाना मां लक्ष्मी की अपार कृपा देने वाले माने गए हैं। 
सुबह जागें तो सबसे पहले हथेलियों और हाथों की लकीरों को देखें। शास्त्रों में लिखा है कि 'कराग्रे वसते लक्ष्मी' यानी हाथों के अगले भाग में माता लक्ष्मी का वास होता है। वहीं हाथों की लकीरें तकदीर नियत करने वाली मानी गई हैं।
मां तुलसी को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। तुलसी में देवपूजा का या पवित्र जल चढ़ाएं। तुलसी में अपवित्र जल न डालें और शाम या रात के वक्त तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
किसी तीर्थ या पवित्र जलाशय पर जाकर अर्घ्य दें। पवित्रता में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए माना जाता है कि पवित्र तीर्थस्थानों पर जाने मात्र से भी माता लक्ष्मी की कृपा होती है।
 शाम के वक्त घर के प्रवेश द्वार व तुलसी के पौधे के करीब गाय के घी का दीप जलाएं। शाम का वक्त मां लक्ष्मी का भ्रमण काल भी माना जाता है। वहीं तुलसी और गाय पवित्र व लक्ष्मी स्वरूपा मानी गई है।
सुबह और शाम होने से पहले घर के आंगन में पानी छिड़कें। अशोक के पेड़ में जल चढ़ाएं व उसका पत्ता गंगाजल में धोकर देवालय में रखें और किसी भी लक्ष्मी मंत्र से माता लक्ष्मी का ध्यान कर भरपूर सुख-समृद्धि की कामना करें। खासतौर पर शुक्रवार, सोमवार और बुधवार को ये उपाय माता लक्ष्मी की भरपूर कृपा से दु:ख, दरिद्रता व कलह का नाश करने वाले माने गए हैं।

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