Wednesday, July 18, 2012

शमशान से आकर तुरंत नहाना भी चाहिए

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किसी भी शवयात्रा में जाना और मृत शरीर को कंधा देना बड़ा ही पुण्य कार्य माना गया है। धर्म शास्त्रों के अनुसार शवयात्रा में शामिल होने और अंतिम संस्कार के मौके पर उपस्थित रहने से इंसान को कुछ देर के लिए ही सही लेकिन जिंदगी की सच्चाई का आभास होता है और मन में वैराग्य होता है। शमशान जाने के आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। शमशान से आकर तुरंत नहाना भी चाहिए। इस संबंध में कई कारण बताए गए हैं।


दरअसल इसका कारण यह है कि शव के अंतिम संस्कार के समय वातावरण में कई प्रकार के सूक्ष्म एवं संक्रामक कीटाणु फैले रहते हैं। अत: इन कीटाणुओं से वहां उपस्थित इंसानों पर किसी संक्रामक रोग का असर होने की संभावना बनी रहती है। इस प्रकार की संभावनाओं से निटपटने के लिए नहाना श्रेष्ठ उपाय है।


इसके साथ ही एक अन्य कारण भी तंत्र-शास्त्रों में बताया जाता है। शमशान भूमि पर लगातार ऐसे ही कार्य होते रहते हैं, जिससे वहां एक प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है जो कमजोर मनोबल के इंसान को नुकसान पहुंचा सकता है। दाह संस्कार के पश्चात भी मृतआत्मा का सूक्ष्म शरीर कुछ समय तक वहां उपस्थित होता है जो अपनी प्रकृति के अनुसार कोई हानिकारक प्रभाव भी डाल सकता है। इन प्रभावों से बचने के लिए भी वहां से आने के बाद तुरंत नहा लेना चाहिए।

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