नारी जीवन की विवशताए और
सामाजिक
नियमों
का
उनके
प्रति
उतना
खुला
रुख
न होना समस्याओ
को
और
भी बढ़ा देता
हैं .यूँ भी
जिस किसी काल मे यह
नियम
बनाये
गए
होने
उस
काल की परिस्थितियाँ और मानसिक अवस्था
कम से कम आज जैसी
तो न रही होगी
उस काल के मनस्वियों का का चिंतन अपने
आप मे
उच्चता
का परिचायक रहा .
यहाँ तक वेद जैसे ग्रथो
के मर्म को जानने वाली
अनेको उच्चस्तरीय
नारी शक्तियों
के बारे मे हम भली भांति जानते हैं ही .सिर्फ यह
कहने से ही तो काम नही चल
सकता की नारी
एक शक्ति
हैं बल्कि उसे भी
अपने गुणों को, आपने
आप को और
अपनी शक्तियों को भली भांति
जानना ही होगा .तभी
जो कहा
गया हैं वह वास्तविक
रूप मे सामने आ पायेगा .
और यह संभव हो सकता हैं
केबल और केबल
साधना के माध्यम से ..और कोई
मार्ग अब कम से कम शेष नही
रहा ...यहाँ तक भगवान
शंकर ने भी इस काल मे
आने वाले परिवर्तन
और मानसिक अवस्थाये
और विभिन्न कमियों को
देख कर पहले
ही कह दिया हैं की केबल और केबल
तंत्र मार्ग ही इस काल मे
सफलता दायक हैं
जो इसे छोड़कर
दूसरे मार्ग का
अब्लंबन लेता हैं उसके
भाग्य को क्या कहा जाए .
केबल किसी बात का जान कार होने के
कई कई गुना जयादा
बेहतर
होगा
की
उस मार्ग पर चल कर देख जाए .पर यह भी सत्य हैंकि कितनी भी
प्रगति
क्यों न आज समाज मे दिख रही हो पर
अभी
भी अनेको का चेतना का स्तर उतना ही
दकियानुसी हैं , उनका
बाह्य्गत एक
रूप
हैं और घर के अंदर
एक अन्य रूप .कतिपय परिवार
मे
तो
नारी
वर्ग की अवस्था
अभी भी बहुत
अच्छी नही कहीं जा
सकती हैं .
वही जब एक लड़की अन्य परिवार मे प्रवेश करती हैं
तो
कुछ
दिन
बाद
वही समस्याए
उनके
सामने
आने
लगती
हैं
केबल उनका
रूप
और आकार और व्यक्ति बदल जाता
हैं .
कारण कोई भी हो उन्हें ही
दोषी
ठहराया
जाता हैं .सभी को
एक दृष्टी से
देखना भी गलत
हैं . खेर अगर आपके परिवर मे
आपके
सास ससुर अनुकूल न रहे
हो
तो
इस
प्रयोग
को
करके
देखें .निश्चय ही
अनुकूलता
आएगी ..उनके मन मे आपके
प्रति
कोमल भावना का
आगमन होगा ही .
वहीँ आपका भी कर्तव्य बनता हैं की
गृह लक्ष्मी
होने के का रण आप भी लक्ष्मी सबंधित साधनाए हमेशा करती जाए .क्योंकि धन की कमी
के कारण अनेको
ऐसी समस्याए आती हैं जिनका
सच मे
सीधे कोई अस्तित्व नही होता
हैं तो इस कारण यदि कुछ
आप न कर पा रही
हो तो कनक धारा
स्त्रोत और सौभग्य कारक
किसी भी स्त्रोत का पाठ
को अपनी दैनिक पूजा मे
अंग तो बनाये .
हम यह भी
जानते हैं की कई बार
आप साधना करना चाहती
हैं पर
किसी का रण वश या तो यन्त्र
नही या फिर साधना
का उचित ज्ञान नही होता इसी कारण
हमने साधनाओ का प्रावधान रखा हैं की यन्त्र
आपको प्राप्त कर सकती हैं .. और
सबंधित साधना भी .
जो कर सकने मे
समर्थ हो
वह तो
इन साधनाओ को
करते जाए और साधना त्मक
उर्जा से निश्चय ही आपके व्यक्तित्वमे परिवर्तन आएगा
वहीँ जब शक्ति तत्व जाग्रत होगा तो
स्वतः ही सभी आपके
आकर्षण मे बंधते जायेगे
ही .
पर यह एक
दिन मे
तो नही होगा
धीरे
धीरे
आप परिवर्तन के लिए तैयार
हो
फिर
देखिये
साधनाए कैसे आपके
जीवन
को उच्चता की
ओर
ले
जाती हैं .
किसी भी शनि वार को इस यन्त्र को आप
गेहूं की रोटी पर बना ले और
किसी भी काले रंग के कुत्ते और कुतिया को खिला दे इससे
निश्चय
ही अनुकूलता
आएगी (वेसे
भी गेहूं की रोटी
मे तेल भी चुपड़ कर किसी भी काले
कुत्ते को खिलाने
से घर परिवार
मे व्याप्त तनाव मे कमी आती हैं
यह भी अनेको
का परीक्षित
प्रयोग हैं )
वेसे यह जान ले
जिस दिन भी आप यह करना
चाहोगे उस
दिन कहीं आपको
यह काले
रंग के
स्वान दिखेंगे
ही नही
और दिख गए
तो तो ये खायेंगे
ही नही..ऐसा अनेक बार
होता हैं
यही तंत्र जगत के कुछ अद्भुताये
हैं .
आप सभी के परिवार मे अनुकूलता
आये
हर
तरह से
सुखी सम्पन्नता देख सके यही
कामना के साथ ..पर उन्हें भी यह ध्यान रखना होगा की
उन्हें भी सदैव
एक योग्य साधनामय बनना
हैं . यह
संभव नही
हैं की एक प्रयोग कर लिया
और जीवन भर के लिए मुक्ति .. ....
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