Any person can get spiritual counseling for leading a spiritual way of life. Beginners can Take Guru Mantar Deksha .Send us Emale For Guru Mantar Deksha /Sadhna procedure . chaudhary21@airtelmail.in
अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है प्रतिदिन नहाना। नहाने से शरीर स्वच्छ तो होता ही है साथ ही कई प्रकार की बीमारियों से निजात मिल जाती है। शास्त्रों के अनुसार सभी धार्मिक कर्म नहाने के बाद ही किए जाने चाहिए। बिना नहाए पूजन-पाठ करना वर्जित किया गया है। हमारी दिनचर्या के सबसे खास कामों में से एक काम नहाना भी है। इसी वजह से शास्त्रों में नहाने के लिए भी कई नियम बताए गए हैं। जो लोग इन नियमों का पालन करते हैं उन्हें कई प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं-
शास्त्रों के अनुसार दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जप करना चाहिए। स्नान करते समय किसी स्त्रोत का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
काफी लोग नहाने से पहले शरीर की अच्छी मालिश करते हैं। मालिश से स्वास्थ्य और त्वचा दोनों को ही लाभ प्राप्त होता है। त्वचा की चमक बढ़ती है। इस संबंध में यह ध्यान रखना चाहिए कि मालिश के आधे घंटे बाद शरीर को रगड़-रगड़ कर नहाना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में नहाना श्रेष्ठ फल प्रदान करता है। इसी वजह से हमेशा स्नान सूर्योदय से पहले ही कर लेना चाहिए।
नहाने के बाद प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालना चाहिए इसके बाद पूरे शरीर पर। इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है, इस प्रकार नहाने से हमारे सिर एवं शरीर के ऊपरी हिस्सों की गर्मी पैरों से निकल जाती है।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है प्रतिदिन नहाना। नहाने से शरीर स्वच्छ तो होता ही है साथ ही कई प्रकार की बीमारियों से निजात मिल जाती है। शास्त्रों के अनुसार सभी धार्मिक कर्म नहाने के बाद ही किए जाने चाहिए। बिना नहाए पूजन-पाठ करना वर्जित किया गया है। हमारी दिनचर्या के सबसे खास कामों में से एक काम नहाना भी है। इसी वजह से शास्त्रों में नहाने के लिए भी कई नियम बताए गए हैं। जो लोग इन नियमों का पालन करते हैं उन्हें कई प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं-
शास्त्रों के अनुसार दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जप करना चाहिए। स्नान करते समय किसी स्त्रोत का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
काफी लोग नहाने से पहले शरीर की अच्छी मालिश करते हैं। मालिश से स्वास्थ्य और त्वचा दोनों को ही लाभ प्राप्त होता है। त्वचा की चमक बढ़ती है। इस संबंध में यह ध्यान रखना चाहिए कि मालिश के आधे घंटे बाद शरीर को रगड़-रगड़ कर नहाना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में नहाना श्रेष्ठ फल प्रदान करता है। इसी वजह से हमेशा स्नान सूर्योदय से पहले ही कर लेना चाहिए।
नहाने के बाद प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालना चाहिए इसके बाद पूरे शरीर पर। इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है, इस प्रकार नहाने से हमारे सिर एवं शरीर के ऊपरी हिस्सों की गर्मी पैरों से निकल जाती है।
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